- सरकार ने ऑनलाइन फ्रॉड हेतु शिकायत दर्ज करने के लिए जारी किया है आधिकारिक नंबर
- कस्टमर हेल्पलाइन नंबर भी आधिकारिक वेबसाइट से ही लेकर इस्तेमाल करें
- गूगल जैसे प्लेटफार्म पर भी कस्टमर हेल्प के नाम पर फर्जी नंबरों से भी फ्रॉड का बड़ा खतरा
ऑनलाइन फ्रॉड का चलन पिछले कुछ वर्षों से लगातार बढ़ रहा है,जिस प्रकार नई-नई टेक्नोलॉजी को प्रस्तुत किया जा रहा है और हमारे दैनिक कार्य जैसे बैंकिंग, वित्तीय कार्य, ऑनलाइन खरीददारी, सहित बहुत सारी सुविधायें ऑनलाइन हो चुकी हैं जिसके चलते अब यही सारी सुविधायें भी परेशानियों का जड़ बनती जा रही है. भारत सरकार और वित्तीय संस्थान लगातार लोगों को सावधान रहने के लिए कहते हैं और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी होने पर शिकायत करने के लिए कहते हैं। परन्तु लोग फिर भी प्रतिदिन हजारों की संख्या में शिकार हो रहे हैं. लोगों के साथ ऑनलाइन फ्रॉड खत्म करने और उनके पैसों को बचाने के लिए गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस की साइबर सेल पिछले कुछ समय से लगातार एक साथ मिलकर काम कर रही है और कुछ हद तक इसमें कमी देखने को भी मिली है परन्तु अभी भी यह सब नाकाफी साबित हो रहा है.
व्हाट्स एप और टेलीग्राम पर बने इन चैनलों के इस्तेमाल से करें परहेज
आज कल स्मार्टफ़ोन्स का इस्तेमाल काफी ज्यादा हो गया है इसकी वजह से ऑनलाइन फ्रॉड में इजाफा ज्यादा है, सोशल चैटिंग प्लेटफार्म जैसे व्हाट्सएप और टेलीग्राम का इस्तेमाल भी धड़ल्ले से किया जा रहा है. कभी शेयर मार्किट के नाम पर तो कभी बिटकॉइन पर फ्रॉड किया जा रहा है. दिल्ली पुलिस की साइबर सेल और गृह मंत्रालय ने लोगों की मदद के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। सरकार द्वारा जारी किये गए इन आधिकारिक हेल्पलाइन नंबरों पर आप किसी भी प्रकार का ऑनलाइन फ्रॉड होने पर तुरंत शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने मिलकर 155260 हेल्पलाइन प्रारंभ की है। यदि आपके साथ किसी भी प्रकार का ऑनलाइन फ्रॉड हुआ है तो आप शिकायत दर्ज करने के लिए इस नंबर पर कॉल कर सकते हैं।
ऑनलाइन फ्रॉड से सिर्फ आप ही खुद को बचा सकते हैं, जानिये कैसे
इसके बाद 7-8 मिनट में अकाउंट से निकाली गई रकम जिस आईडी से दूसरे अकाउंट में गई होगी तो हेल्पलाइन से उस बैंक या वित्तीय संस्थान को अलर्ट मैसेज मिलेगा, जिसके बाद पैसा होल्ड पर चला जाएगा। गृह मंत्रालय के साइबर पोर्टल और दिल्ली पुलिस साइबर सेल के साथ 155260 पायलट प्रोजेक्ट बीते वर्ष ऑनलाइन फ्रॉड रोकने के लिए शुरू किया गया था और अब यह फुल पावर के साथ लॉन्च हो गया है।
सबसे खास बात यह है कि इस हेल्पलाइन की दस लाइन हैं यानी कि कॉल करने वालों को यह नंबर बिजी नहीं मिलेगा। जब कोई भी व्यक्ति हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करेगा तो उससे उसका नाम, नंबर, और फ्रॉड का समय पूछा जाएगा। जानकारी एकत्रित करने के बाद उससे जुड़े पोर्टल, संबंधित बैंक या वित्तीय संस्थान को पहुंचा दी जाएगी और पीड़ित व्यक्ति से संबंधित बैंक को जानकारी साझा की जाएगी। सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात यह है कि जब फ्रॉड होता है उससे बाद जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी शिकायत दर्ज करनी है