अंजान कॉल्स से रहे सावधान, हैकर्स के निशाने पर अब व्हाट्सएप, ऐसे बनाते हैं शिकार

कई तरह के साइबर क्राइम से आप सब अवगत हो चुके हैं लेकिन लोगों को लुटने के लिए हैकर्स भी लगे रहते हैं तरह-तरह के नये तरीकों में. इस बार साइबर शातिरों ने व्हाट्सएप को अपना हथियार बनाने का काम किया है. ताजा मामला दिल्ली में देखने को मिला है, जहाँ एक स्कूल टीचर के साथ व्हाट्स एप के माध्यम से धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया है. इस बार शातिरों ने काम को नयी ट्रिक से अंजाम दिया कि किसी को कानो-का भनक तक ही लगी.

दरअसल दिल्ली के रोहिणी सेक्टर 15 की एक अध्यापिका के साथ यह घटना घटी. जब वह स्कूल से वापस घर जा रही थी उसी वक़्त उनके पास एक अंजान नंबर से कॉल आया और कॉलर(साइबर शातिर) ने खुद को एक निजी कंपनी ब्रॉडबैंड सर्विस प्रोवाइडर का बताते हुए पूछा कि मैम, हम आपके घर इंटरनेट ठीक करने आए थे, क्या अब इंटरनेट की स्पीड सही आ रही है? चूंकि तीन चार दिन पहले घर के वाईफाई में दिक्कत थी। स्पीड भी कम थी। इसके लिए पति ने कंप्लेंट रजिस्टर्ड की हुई थी। ठीक करने दो लोग आए थे और स्पीड ठीक करके चले गए। लिहाजा उन्हे कॉल पर कोई शक नहीं हुआ और उन्होंने कहा कि हां अब ठीक चल रहा है। इस फोन से एक बात और स्पष्ट होती है कि कहीं न कहीं कॉलर को इस बात की सही जानकारी थी कि इन्टरनेट की समस्या हुई थी और यह भी स्पष्ट होता है कि आज के समय रजिस्ट्रेशन और मेम्बरशिप लाभ के नाम पर जो मोबाइल नंबर सहित पूरा डाटा लिया जाता है वो कहीं न कहीं इन लोगों के हाथों में बेहद आसानी से लग जाता है. अतः एक आग्रह आप सभी से यह भी है कि जब तक सुरक्षा के दृष्टि से आवश्यक न हो तो किसी भी निजी कंपनी या निजी दुकानदार को अपना डाटा मांगने पर भी देने से बचें.

अब बात करते हैं व्हाट्स एप फ्रॉड पर. अध्यापिका को कोई शक न होने के कारण वह निश्चिन्त रहीं लेकिन इसी दौरान उन्होंने अपने घर फोन किया, लेकिन कॉल नहीं लगी. फ़ोन पर मैसेज मिला कि आपका रिचार्ज खत्म हो गया है. जब उसके बाद अध्यापिका ने वॉट्सऐप कॉल किया, तो मेसेज डिस्प्ले हुआ कि यह नंबर दूसरी डिवाइस पर डायवर्ट है. यह देखने ही अध्यापिका को शक हुआ कि शायद कुछ गड़बड़ है. फटाफट घर पहुंचकर अपने ससुर के फोन से पति और स्कूल की इंचार्ज को यह बताने के लिए फोन किया कि नंबर नहीं चल रहा है. लेकिन तब तक मामला बिगड़ चुका था,इंचार्ज ने बताया कि उनके नाम के वॉट्सऐप से मेसेज आया हुआ है कि ‘उन्हें तत्काल अधिक से अधिक पैसों की जरूरत है और शाम तक वापस कर दूंगी’. जब तक स्कूल इंचार्ज स्कूल स्टाफ और पैरेंट्स के वॉट्सऐप ग्रुप में हैकिंग के बारे में बता पातीं। तब तक एक टीचर ने अध्यापिका को मुसीबत में समझकर 50 हजार रुपये ट्रांसफर भी कर दिए. दूसरी तरफ से और पैसों की डिमांड हुई तो उस टीचर ने अध्यापिका के पति को कॉल करके पूछा कि क्या दिक्कत आई है. तब उन्हें मालूम चला कि उनका वॉट्सऐप हैक हुआ है. अध्यापिका के पति ने समझदारी दिखाते हुए तुरंत सिम ब्लॉक कराके सभी अकाउंट्स बंद किए. जानकारों को हैकिंग की सूचना दी. मामले में रोहिणी जिले के साइबर थाने में कंप्लेंट दी. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. अतः किसी भी अंजान कॉल को एंटरटेन करने से पहले उसकी पुष्टि करना बेहद जरुरी हैं.