· दंगों के बाद हिन्दू पीड़ित परिवारों के लिए 1 करोंड जुटाए थे कपिल मिश्रा ने
· उन पर भी दंगे भड़काने के आरोप लगते रहे लेकिन साबित नही हुए
· सोशल मीडिया खासकर ट्विटर पर कपिल मिश्रा टॉप के प्रभावशाली युवा नेताओं में शुमार
दिल्ली, जामिया मिलिया इस्लामिया की छात्रा सफूरा जरगर दिल्ली हिंसा के बाद से ही चर्चा में बनी हुई हैं, जब से सफूरा की गिरफ़्तारी हुई है लगातार सोशल मीडिया से लेकर कई संगठन इसके खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं, कल दिल्ली की एक अदालत ने फिर से सफूरा जरगर को जमानत देने से इनकार कर दिया और 25 जून तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी है |
आपको बता दें सफूरा जरगर गर्भवती हैं, सफूरा जरगर को नागरिकता कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने के आरोप में 10 अप्रैल को गिरफ्तार किया था, इसी वर्ष फरवरी में हुए दंगों और सांप्रदायिक हिंसा के मामले में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम(UAPA) के तहत गिरफ्तार किया गया था, जिसमे 50 से अधिक लोगों को अपनी जान गँवानी पड़ी थी, इस घटना से दिल्ली में करोंड़ों का नुकसान हुआ था और 200 से अधिक लोग घायल हुए थे |
भाजपा नेता कपिल मिश्रा का नाम भी इन दंगों में कई बार जोड़ने का प्रयास किया गया परन्तु क़ानूनी तौर पर उन्हें दोषी नही ठहराया गया, उनको एक विडियो को लेकर कई बार घेरने की कोशिश की गयी लेकिन उस विडियो में एशिया कुछ भी नही था जिससे की उनके खिलाफ कोई क़ानूनी कार्यवाही की जाये, आपको बता दें दंगों के बाद भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने दंगों से पीड़ित हिन्दू परिवारों को सीधे आर्थिक सहायता पहुँचायी थी, इस कार्य में उनके ही साथी भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने भी खुल कर समर्थन किया था, दोनों नेताओं ने मिलकर 1 करोंड रुपये क्राउड फंडिंग के जरिये जुटाए थे और लोगों को मदद पहुँचायी, उन्होंने पैसों का पूरा लेखा-जोखा अपने ट्विटर अकाउंट पर खुलेआम जारी किया था |
कल जमानत न मिलने से पुनः विवाद बढ़ने लगा और इस पर कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर विरोध करने वालों पर सीधे हमला बोलते हुए ट्वीट किया कि सफूरा गर्भवती है, निर्दोष नही. “गर्भावस्था” जमानत मिलने की गारंटी नही, ये बाबा साहब का संविधान है, मानना पड़ेगा | इस ट्वीट के बाद से सोशल मीडिया पर हंगामा बरपा हुआ है |