बृज भूषण शरण सिंह का टिकट कटा
Trending

कैसरगंज लोकसभा सीट से बृज भूषण शरण सिंह को हटाकर भाजपा की हरियाणा को साधने की कोशिश ?

लखनऊ, 02 मई 2024. LokSabha Election 2024: उत्तर-प्रदेश की सबसे चर्चित लोकसभा सीट कैसरगंज पर भाजपा के उम्मीदवार को लेकर आखिरकार आज भाजपा आलाकमान ने सस्पेंस खत्म कर दिया है. इस सीट से मौजूदा सांसद बृज भूषण शरण सिंह चुनाव नहीं लड़ेंगे. उनकी जगह पर इस सीट के नये प्रत्याशी करण सिंह भूषण बनाये गए हैं. लेकिन आपको बता दें करण भूषण सिंह कोई बाहरी व्यक्ति या भाजपा कार्यकर्त्ता नहीं है बल्कि वो मौजूदा सांसद बृज भूषण शरण सिंह के ही पुत्र हैं.

भाजपा केन्द्रीय नेतृत्व के लिए बृज भूषण शरण सिंह का टिकट काटना संभव नही हो पा रहा था, लेकिन आज जब उनकी टिकट काटी गयी है तो भी यह टिकट बाहरी व्यक्ति को न देकर उनके बेटे को दी गयी है. इससे पहले यह चर्चा काफी तेज चल रही थी कि भाजपा इस बार उनको अगर टिकट नहीं देगी तो उनकी पत्नी को चुनाव लडवा सकती है लेकिन अंत में यही निर्णय लिया गया कि कैसरगंज लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी इस बार बृज भूषण शरण सिंह के बेटे को बनाया जायेगा.

Brij Bhushan Sharan Singh: पहलवानों के साथ विवाद ने काटा बृज भूषण का टिकट ?

मौजूदा सांसद बृज भूषण शरण सिंह के टिकट कटने की सबसे प्रमुख वजह उनका विवाद में रहना. वैसे भी बृज भूषण शरण सिंह का विवादों से काफी गहरा और पुराना नाता रहा है. उन्हें सबसे पहले बाबरी मस्जिद के विध्वंस मामले में गिरफ्तार किया गया था और उसके बाद दाऊद इब्राहिम गिरोह के शूटरों को शरण देने के लिए आतंकवाद विरोधी कानून टाडा के तहत भी मामला दर्ज किया गया था. हालांकि, बाद में सबूतों के अभाव में उन्हें इन मामलों से बरी कर दिया गया था.

यदि पुलिस रिकॉर्ड के आंकड़ों के अनुसार देखें तो, बृजभूषण सिंह के खिलाफ 1974 से 2007 के बीच 38 आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे. विशेष रूप से चोरी, डकैती, हत्या, आपराधिक धमकी, हत्या का प्रयास और अपहरण सहित विभिन्न आरोपों के लिए सख्त गैंगस्टर और गुंडा अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी, हालांकि उन्हें लगभग सभी मामलों में बरी कर दिया गया था. उनके चुनावी हलफनामे के अनुसार अधिकांश मामलों का जिक्र किया गया है. लेकिन पिछले वर्ष उपजे नये विवाद ने कहीं न कहीं बृज भूषण शरण सिंह की नींद उड़ा दी. दरअसल भारत की शीर्ष महिला पहलवानों ने बृज भूषण पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाये थे. इन आरोपों और कार्यवाही को लेकर साक्षी मलिक और विनेश फोगट जैसे पहलवानों ने उनके खिलाफ जंतर मंतर में आन्दोलन भी किया था. इस मामले में 1 नाबालिग सहित 7 महिला पहलवानों ने उनके खिलाफ एफआईआर में गवाही दी थी. कहीं न कहीं भाजपा यह जानती थी कि इन गंभीर मामलों को देखते हुए मौजूदा सांसद का भविष्य उज्जवल नहीं है परन्तु टिकट काटना पार्टी के लिए बिलकुल भी आसान नही था. इन सभी समीकरणों को देखते हुए ही पार्टी ने बृज भूषण शरण की जगह उनके बेटे को टिकट दिया. अब देखना यह होगा कि क्या चुनाव के बाद बृज भूषण पर शिकंजा कसा जायेगा या उन्हें इससे राहत मिलेगी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *