नई दिल्ली, 3 मई 2024. K.L. Sharma: वैसे तो उत्तर-प्रदेश में कांग्रेस लगभग पूरी तरह से ख़त्म ही हो चुकी है लेकिन इसके बावजूद उत्तर-प्रदेश की दो लोकसभा सीटों पर आज भी कांग्रेस के वर्चस्व को जरुर महसूस किया जा सकता है. शायद यही कारण है इन दोनों सीटों का भारी दबाव होने के कारण आज नामांकन के अंतिम दिन कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है.
दरअसल कांग्रेस ने अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट के लिए उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है. अमेठी से पार्टी ने के.एल शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं, रायबरेली से इस बार सोनिया गाँधी की जगह उनके बेटे राहुल गांधी चुनाव लड़ेंगे. दोनों नेता आज दोपहर में नामांकन पत्र दाखिल करेंगे. आज नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख है. ऐसे में लोगों की उत्सुकता बढ़ गई है कि आखिर के. एल. शर्मा कौन हैं, जो केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को टक्कर देंगे.
कौन हैं के.एल. शर्मा ?
अमेठी में आगामी 20 मई को वोटिंग होनी है. आज कांग्रेस की तरफ से के. शर्मा पूरा नाम किशोरी लाल शर्मा का नाम सामने आया है. के.एल. शर्मा कांग्रेस की पूर्व चीफ सोनिया गांधी के करीबी हैं. जब सोनिया गांधी रायबरेली से लोकसभा सांसद थीं, तो के. एल. शर्मा रायबरेली सांसद प्रतिनिधि भी हुआ करते थे. के. एल. शर्मा काफी वक्त से रायबरेली और अमेठी दोनों संसदीय क्षेत्रों में कांग्रेस का कामकाज देखते आ रहे हैं. वह मूल रूप से पंजाब के लुधियाना से ताल्लुक रखते हैं. साल 1983 के आसपास पूर्व पीएम राजीव गांधी ने उन्हें पहली बार अमेठी लेकर आए थे. तब से वह उत्तर-प्रदेश में ही रहकर इन सीटों का समीकरण और पार्टी का कामकाज सँभालते हैं. जब साल 1991 में पूर्व पीएम राजीव गांधी की मौत हुई, उसके बाद गांधी परिवार ने अमेठी से इलेक्शन लड़ना बंद किया, तो भी के. एल, शर्मा ही थे जो उस वक़्त भी कांग्रेस के सांसद के लिए काम करते रहें. के. एल शर्मा बिहार कांग्रेस के प्रभारी भी रह चुके हैं. उन्हें पार्टी में एक कुशल नेता माना जाता है. उन्होंने पंजाब कांग्रेस ईकाई के लिए भी काम किया है. वहीं, जब साल 1999 में सोनिया गांधी की पहली चुनावी जीत हुई थी तो उस वक़्त किशोरी लाल शर्मा ने जीत में अहम भूमिका निभाई थी. तब वह पहला अवसर था जब कोई गांधी परिवार का सदस्य पहली बार अमेठी से जीत के साथ संसद में पहुंचे. लेकिन सवाल यह उठता है क्या शर्मा में इतनी क्षमता है कि वो केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को अमेठी सीट से हरा सकें. पहले यह माना जा रहा था कि इस सीट राहुल गाँधी ही उम्मीदार होंगे और वहीँ रायबरेली से उनकी बहन प्रियंका वाड्रा गाँधी उम्मीदवार होंगी. लेकिन पिछले 24 घंटों में सारे सूत्र और समीकरणों को फेल करते हुए कांग्रेस ने ये अचंभित करने वाला निर्णय लिया. यह निर्णय सही साबित होता है या दोहरा नुकसान देगा इसका पता तो अगले माह 4 जून को नतीजे वाले दिन ही पता चलेगा.