नई दिल्ली, 17 दिसम्बर 2023,
केरल के बीते कुछ दिनों से कोरोना लगातार चर्चा में बना हुआ है जिसका मुख्य कारण लगातार कोरोना मामलों में बढ़ोत्तरी है, ताजा जानकारी के अनुसार केरल के कुछ हिस्सों में कोविड सब वेरिएंट JN.1 पाये गए हैं, जिसके बाद कोरोना को लेकर चिंताएं थोड़ी बढ़ गई हैं। बीते शनिवार को केरल में एक 79 वर्षीय महिला में कोविड का नया सब वेरिएंट पाया गया था, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट हो गया है।
वर्ष 2019 इसी महीने दिसम्बर में आयी महा आपदा कोरोना वायरस को देश लगभग भूलने ही लगा था लेकिन देशवासियों की चिंता एक बार फिर बढ़ने वाली है, दरअसल केरल में कोविड मामलों में अचानक से कई गुना तेजी हुई है। पिछले माह नवंबर में जहां राज्य में केवल 479 एक्टिव मामले थे, वहीं इस महीने के पहले दस दिनों में ही 800 से अधिक नये मामले सामने आए। भारत में 90% से अधिक नए कोविड मामलों में सबसे ज्यादा योगदान केरल राज्य का है। नवंबर में कोरोना से एक मरीज की मौत हुई, वहीं इस महीने अभी तक इस महामारी से दो मरीजों दम तोड़ दिया।
बदलते मौसम को देखते हुए कफ़ और हल्के बुखार की शिकायत आना सामान्य है परन्तु जब सांस की समस्याओं को लेकर मरीज अस्पतालों में भर्ती होना शुरू हुए तो पता चला की इनमे से अधिकतर मरीज कोरोना की चपेट में हैं. अधिकतर मामलों में, उनका एच1एन1 के लिए नकारात्मक परीक्षण होता है, लेकिन कोविड के लिए सकारात्मक। कुछ रोगियों में लक्षणों की अवधि लंबी भी होती है, और यह एक से दो महीने तक रहती है। हालांकि, राजगिरी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सनी पी ओराथेल ने कहा, अब हम जो नोटिस कर रहे हैं वह यह है कि कोविड से अधिक, वायुमंडलीय प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के कारण लक्षण बढ़ गए हैं।
किम्सहेल्थ, तिरुवनंतपुरम, एसोसिएट सलाहकार (संक्रामक रोग) डॉ. मुहम्मद नियास ने कहा कि माना कि वर्तमान में कोविड के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन इससे बहुत ज्यादा घबराने की जरुरत नहीं है, इसे अभी नियंत्रित करना संभव है क्योंकि अधिकांश रोगियों में संक्रमण बहुत गंभीर नहीं है और कोविड के कारण मृत्यु बहुत कम है। हालांकि, बुजुर्ग लोग और मौजूदा सह-रुग्णता वाले लोग इसकी चपेट में बने हुए हैं।” इन सबके बावजूद कोरोना वायरस को हलके में लेना या इसकी गंभीरता को नकारना बेवकूफी होगी.