एच3एन2
Health India

नये वायरस एच3एन2 की दस्तक के बीच दो संक्रमितों की मौत

देश में एक बार फिर एक नये वायरस की दस्तक से लोग दहशत महसूस करने लग गए हैं. भारत में इस समय इन्फ्लुएंजा वायरस एच3एन2 ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है. एच3एन2 संक्रमण से अब तक दो मरीजों की मौत दर्ज की जा चुकी है. पहली मौत दिल्ली से सटे हरियाणा के जींद में इस संक्रमण से 56 वर्षीय कैंसर पीड़ित व्यक्ति की मौत हुई तो वहीँ कर्नाटक के हासन में 82 वर्षीय व्यक्ति की मौत भी इसी वायरस के चलते हुए है. हरियाणा में अभी भी 10 मामले एक्टिव बताये जा रहे हैं जिसपर केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार दोनों ही विशेष ध्यान दे रहे हैं. जिन दोनों पीडितो की मौत हुई उनमे से एक व्यक्ति फेफड़े के कैंसर से पीड़ित था तो वहीँ दूसरा व्यक्ति डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से ग्रसित था.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने होली से ठीक पहले एच3एन2 संक्रमित व्यक्तियों की जानकारी साझा करते हुए बताया था कि अब तक इस वायरस की चपेट में कुल 451 मामले दर्ज किये जा चुके हैं, हालाँकि मंत्रालय ने यह भी कहा था कि मार्च के अंत तक मामलों में गिरावट देखने को मिलेगी, परन्तु जब तक स्थिति पूर्ण रूप से काबू में नही आ जाती है मंत्रालय स्वयं इसकी निगरानी रखेगा.

इन्फ्लुएंजा वायरस एच3एन2 से सबसे ज्यादा खतरा छोटे बच्चों को है और उसके बाद किसी गंभीर रोग से पहले से पीड़ित बुजुर्ग व्यक्तियों को है. मौसमी इन्फ्लुएंजा में सबसे बड़ी समस्या श्वसन तंत्र को होती है ऐसे में बुजुर्ग व्यक्तियों को अपना खास ख्याल रखने की आवश्यकता है.

बीमारी के लक्षण

इन्फ्लुएंजा वायरस एच3एन2 के संक्रमण का प्रमुख लक्षण तेज बुखार, गले में खराश, गले में दर्द, खांसी व जुकाम इत्यादि.

गंभीर लक्षण

जो व्यक्ति उम्रदराज हैं उन्हें इसकी गंभीर समस्या भी उत्पन्न हो सकती है जैसे सांस फूलने की समस्या, छाती में जकड़न, पीला या हरा बलगम आना इसके गंभीर संक्रमण के लक्षण बताये जाते हैं.

क्या है बचाव

  • इन्फ्लुएंजा वायरस एच3एन2 का टीका लगवाना न भूलें.
  • खांसी, जुकाम एवं बुखार होने पर घर के अन्य सदस्यों से दूर रहे और खासकर यदि घर में कोई बुजुर्ग है तब तो बिल्कुल उचित दुरी बनाकर रखें.
  • अपने हाथों को नियमित अंतराल पर धोते रहे साथ में भीडभाड वाले इलाकों में बिना मास्क जाने से परहेज करें.
  • इन्फ्लुएंजा वायरस एच3एन2 का कोई भी लक्षण महसूस होने पर स्वयं डॉक्टर बनने से पूर्व किसी आचे डॉक्टर को दिखाकर दवाइयों का उपयोग करें.

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