कोरोना संक्रमण जैसी महामारी के संकट को शायद ही कोई भारतवासी भूल सकता है. इसका प्रभाव कुछ ऐसा था कि जो चपेट में आया और जो सौभाग्य से बच भी गया उसके अन्दर भी उतना ही खौफ था जितना की एक संक्रमित व्यक्ति के अन्दर था. फ़िलहाल कोरोना तो नहीं लेकिन एक दूसरी संक्रमित बीमारी ने लोगों को अपनी गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया है. हम बात कर रहे हैं आई फ्लू की. इस समय देश के विभिन्न प्रदेशों में अस्पतालों में आंखों के संक्रमण जैसे कंजेक्टीवाइटिस और आई फ्लू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है , सरकारी अस्पताल से लेकर प्राइवेट आई हॉस्पिटल्स में मरीज आंखों की समस्या लेकर पहुँच रहे हैं, इसकी वजह ये है कि इस समय नेत्र संक्रमण, आई फ्लू तेजी से फैल रहा है। सिर्फ दिल्ली में ही 1000 से अधिक मरीज इस संक्रमण से पीड़ित चल रहे हैं और ऐसा ही कुछ अन्य राज्यों मध्य-प्रदेश, हरियाणा, उत्तर-प्रदेश जैसे राज्यों का भी है. इस बीमारी का असर सबसे ज्यादा उन राज्यों में हो रहा है जो की बाढग्रसित हैं. इस बीमारी का मुख्य श्रोत जल जमाव भी है. आई फ्लू जिसे आमतौर पर ‘गुलाबी आंख’ के रूप में जाना जाता है, अत्यधिक संक्रामक हो सकता है, जो दूषित सतहों और आंखों के स्राव के संपर्क से फैल सकता है. इसके लक्षणों में खुजली, पानी जैसा स्राव, प्यूरुलेंट डिस्चार्ज, पलकों की सूजन, हल्की लालिमा शामिल है, और कभी-कभी, व्यक्तियों को रोशनी देखने पर धुंधली दृष्टि या चमक का अनुभव हो सकता है.
संक्रमण दर में बढ़ोत्तरी का मुख्य कारण मौसमी बदलाव भी
इसके दर में बढ़ोतरी मौसमी बदलाव के कारण हुई है. ऐसा इसलिए भी है कि पिछले कई वर्षों की तुलना में इस साल अधिक बारिश हुई है, आश्चर्यजनक रूप से पानी की भारी कमी है और स्वच्छता संबंधी आदतों का अभाव है. बच्चे अक्सर वायरस/बैक्टीरिया से दूषित सतह को छूते हैं और उन्हीं हाथों से अपनी आंखें रगड़ते हैं जिससे संक्रमण फैलता है.” डॉक्टरों ने प्रसार को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए उचित सावधानी बरतने और जागरूकता बढ़ाने की सिफारिश की, साथ ही ओवर-द-काउंटर दवाओं के उपयोग पर भी चेतावनी दी.
खुद डॉक्टर बनने की बजाय चिकित्सीय सलाह लेना बेहद महत्वपूर्ण
उचित स्वच्छता बनाए रखना, प्रभावित व्यक्ति और आसपास के लोगों द्वारा बार-बार हाथ धोना, चेहरे को छूने से बचना, जरूरत पड़ने पर सुरक्षात्मक चश्मे का उपयोग करना और आंख से संबंधित कोई भी लक्षण महसूस होने पर पेशेवर चिकित्सा सलाह लेना महत्वपूर्ण है. आई फ्लू के अलावा, राष्ट्रीय राजधानी में डेंगू के मामलों में भी वृद्धि देखी जा रही है. डेंगू एक वायरल बुखार है जो वेक्टर जनित होता है और आमतौर पर हर साल मानसून के मौसम के बाद इसके मामले बढ़ जाते हैं.
जिन्हें परेशानी है वो इन बातों का रखें ध्यान
1- अपनी आंखों को छूने से पहले हाथ आवश्यक रूप से साफ़ पानी दे धोएं।
2- संक्रमित व्यक्ति अपना टॉवल, तकिया, रुमाल, आई ड्रॉप आदि घर के अन्य सदस्यों से दूर रखें।
3- स्विमिंग पूल, तालाब, पोखर आदि में नहाने से बचें।
4- कॉन्टेक्ट लेंस पहनना बंद करें, अपने नेत्र चिकित्सक की सलाह पर ही इसे फिर प्रयोग करें।
5- आंखों के सौन्दर्य प्रसाधनों यानि आई ब्यूटी प्रोडक्ट का प्रयोग करने से बचें।
6- यदि आंखों के पास किसी भी तरह का स्राव होता है तो उसे गर्म पानी में भिगोये साफ़ गीले कपडे से साफ़ करें। कपड़े को फिर से प्रयोग करने से पहले गर्म पानी से धो लें।
7- यदि आंखों में लालिमा हो यानि आंखें लाल हो रही हों तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र अथवा नेत्र चिकित्सक को दिखाएँ, बिना उचित सलाह के कोई भी ड्रॉप आंख में नहीं डालें ।