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कोविशील्ड से हो रही मौतों पर एस्ट्राजेनेका ने अपनी वैक्सीन पर पूरे विश्व में प्रतिबन्ध लगाया

नई दिल्ली, 29 अप्रैल 2024. कोविशील्ड निर्माता कंपनी एस्ट्राजेनेका ने अपनी वैक्सीन कोविशील्ड पर व्यापक रूप से प्रतिबन्ध लगा दिया है. कोरोना महामारी में कोविशील्ड एक वरदान के रूप में लोगों के लिए आयी थी लेकिन ये वरदान ही बाद में आगे जाकर अभिशाप बन जायेगा, किसी ने नहीं सोचा था. पिछले दिनों कंपनी के दिये गए बयान के बाद भारत सहित पूरे विश्व में हडकंप मच गया था. लगातार उठ रहे विवाद के बीच आखिरकार कंपनी ने अपनी वैक्सीन पर फ़िलहाल प्रतिबन्ध लगाना ही उचित समझा है.

दरअसल दवा निर्माता कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कोविड वैक्सीन को लेकर ऐसा खुलासा किया है कि जिसको सुनकर हर कोई भयभीत हो रहा है. कम्पनी ने अदालत के सामने यह स्वीकार किया है कि उसकी कोविड वैक्सीन एक दुर्लभ साइड इफेक्ट्स ‘थ्रोम्बोसिस विद थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम’ (टीटीएस) का कारण बन सकती है.

एस्ट्राजेनेका ने यूनाइटेड किंगडम हाईकोर्ट में दिए गए अपने अदालती दस्तावेजों में पहली बार यह बात स्वीकार की है. एस्ट्राजेनेका, जिसने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ साझेदारी में रिसर्च इत्यादि के सहयोग के साथ वैक्सीन विकसित की है। एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को कई देशों में कोविशील्ड और वैक्सजेवरिया ब्रांड के नामों से बेचा गया है.

यह भयानक बात हम सबके बीच कभी न आ पाती यदि जेमी स्कॉट ने मुकदमा दायर न किया होता. दो बच्चों के पिता जेमी स्कॉट ने पिछले साल एक मुकदमा दायर किया था. क्योंकि, उनके खून का थक्का जम गया था, जिससे वह काम करने में असमर्थ हो गए थे. कथित तौर पर अप्रैल 2021 में टीका लगवाने के बाद उन्हें मस्तिष्क में स्थायी चोट लग गई थी. रिपोर्ट के अनुसार, हाई कोर्ट में इससे सम्बंधित 51 मामले भी दर्ज किए गए हैं, जिनमें पीड़ितों और तीमारदारों के द्वारा 100 मिलियन पाउंड तक के अनुमानित क्षति की मांग की गई है. कंपनी ने मई 2023 में स्कॉट के वकीलों से कहा था कि वे यह स्वीकार नहीं करते हैं कि टीटीएस सामान्य स्तर पर वैक्सीन के कारण होता है. हालांकि, फरवरी में हाई कोर्ट को सौंपे गए कानूनी दस्तावेज में, एस्ट्राजेनेका ने कहा कि यह माना जाता है कि AZवैक्सीन, बहुत ही दुर्लभ मामलों में, टीटीएस का कारण बन सकती है.

स्कॉट की पत्नी केट ने कहा कि चिकित्सा जगत ने लंबे समय से स्वीकार किया है कि वैक्सीन-प्रेरित इम्यून थ्रोम्बोसाइटोपेनिया और थ्रोम्बोसिस (वीआईटीटी) वैक्सीन के कारण होता है. सच्चाई हमारे साथ है और हम हार नहीं मानेंगे. केट ने माफी, उनके परिवार और प्रभावित हुए अन्य परिवारों के लिए उचित मुआवजे की मांग की है. आपको बता दें कि एस्ट्राजेनेका ने भारत सरकार को वैक्सीन की आपूर्ति के लिए दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के साथ भी साझेदारी की थी.

क्या होता है टीटीएस?

आपकी जानकारी के लिए यह जानना बेहद जरुरी है. दरअसल थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) शरीर में खून के थक्के जमने का मुख्य कारण होता है शरीर में खून के थक्के जमने की वजह से ब्रेन स्ट्रोक, कार्डियक अरेस्ट जैसी गंभीर स्थिति बन जाती है. इतना ही नहीं, तेजी से प्लेटलेट्स गिरने की वजह भी बन सकती है.

भारत में हो रही अचानक मौतों से स्थिति चिंताजनक

कोरोना काल के प्रभाव कम होने के बाद आम जन जीवन धीरे-धीरे पटरी पर जरुर आने लगा परन्तु इस महामारी ने न केवल अपने भयानक दौर में लाखों परिवारों को उजाडा बल्कि अभी भी कथित तौर पर हो रही अचानक मौतों में कोरोना का कारण बताया जा रहा है. लगातार आवाज़ उठाई जा रही थी कि कहीं इन मौतों के पीछे कोरोना से बचाव वाली वैक्सीन तो जिम्मेदार नहीं है. लेकिन इन बातों को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया. भारत में पिछले दो से तीन वर्षों के दौरान ऐसी हजारों मौतों को देखा जो कि बहुत सारे सवाल उठा रही थी लेकिन न सरकार और न ही प्रशासन ने कोई सुध ली. बहुत ज्यादा दबाव पड़ा तो स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह कह कर शांत करा दिया कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने रिसर्च की है और इन मौतों का कोरोना वैक्सीन से कोई लेना देना नहीं है. परन्तु आज सच आखिर सामने आ ही गया. आये दिन हो रही मौतों पर यदि समय रहते गंभीरता दिखाई गयी होती तो शायद आज यह आंकड़ा कुछ कम भी हो सकता था.

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