Voice Call Scam : हर बदलते दौर में नई तकनीक का इजाद होना बेहद स्वाभविक है ठीक ऐसे ही इस बदलाव के दौर में एक नई तकनीक अब दुनिया के सामने आयी है. पूरा विश्व इस समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को एक बड़ी संभावना के तौर पर देख रहा है. परन्तु हर नई टेक्नोलॉजी फायदों के साथ-साथ नुकसान भी लाती है. AI के साथ भी ऐसा ही है या यूँ कहें तो बेहद खतरनाक, क्योंकि इसके बढ़ते चलन के बीच फ्रॉड की घटनाएं भी लगातार बढ़ती जा रही हैं. वैसे तो पूरा विश्व ही ऑनलाइन स्कैम की गिरफ्त में हैं लेकिन भारत जैसे कुछ ऐसे देश भी हैं जो समझने समझने तक इतना ज्यादा नुकसान उठा जाते हैं कि इसके चलते न जाने कितने ही लोग आत्महत्या तक करने को मजबूर हो जाते हैं.
Cyber Fraud :जब से AI का इस्तेमाल भारत में बढ़ा है, उसके बाद से ही साइबर अपराधियों के हौंसले बुलंद हो गए हैं. उनके लिए AI एक नये हथियार की तरह है. इस समय स्कैमर्स AI का इस्तेमाल वॉइस क्लोनिंग के लिए भी कर रहे हैं. यानी लोगों के पास किसी जानकर की वॉइस कॉल आती है, और उनसे मदद लेने के नाम पर उनके साथ धोखाधड़ी हो जाती है. वॉइस क्लोनिंग से फ्रॉड के माध्यम से लोगों को फ़ोन करने वाला साइबर अपराधी अपने आप को उनका पारिवारिक सदस्य बताता है या उनका कोई नजदीकी दोस्त बनकर फ़ोन करता है. जब आप कॉल को रिसीव करते हैं तो हुबहू आवाज़ होने के कारण आप गच्चा खा जाते हैं और फिर वो आपसे मुसीबत में होने का या कुछ ऐसा बोलता है जिससे आप प्रभाव में आकर उसकी तुरंत मदद करने को व्याकुल हो जाते हैं.
Online Fraud : अपराधी इन्ही भावनाओं को अपना अपने हथियार के रूप में इस्तेमाल करता है. ऐसे में बहुत सारे लोग बिना जांच-पड़ताल किये ही तुरंत मदद कर देते हैं. AI बेस्ड वॉइस क्लोनिंग सम्बंधित बहुत से टूल इंटरनेट पर आसानी से मिल जाते हैं. इनमें से ज्यादातर फ्री मुहैया होते हैं, इसलिए इनके जरिए किसी की भी बिलकुल असली आवाज तैयारी की जा सकती है. नकली आवाज बनाने के लिए स्कैमर्स को छोटे से नमूने की जरूरत पड़ती है. यदि आपके पास कोई इस तरह कॉल करता है तो उसकी असलियत जानने की कोशिश जरूर करें. आप उनके पर्सनल नंबर पर कॉल करके तसल्ली कर सकते हैं.
वॉइस क्लोनिंग से फ्रॉड से बचने के कुछ सुझाव
- अगर आपके किसी रिश्तेदार, दोस्त या जानकार का कॉल पैसे के विषय में आया है, तो बिना जांच पड़ताल और सवालों के साथ सुनिश्चित करें कि ये वही व्यक्ति है या नहीं।
- आप अपने दोस्त या रिश्तेदार से कोई ख़ास सीक्रेट या निजी सवाल पूछने को भी कह सकते हैं।
- अंजान नम्बरों को न उठाने से बचें परन्तु यह भी असंभव है की आप सभी अंजान नंबरों को न उठाये ऐसा नही हो सकता परन्तु आप अपनी समझदारी से उन नंबरों पर बात करके समझ सकते हैं कि बात करने वाला कौन है और वह किस तरह का है.
- आज कल आम नागरिकों के मोबाइल नंबरों की जानकारी इतनी सार्वजनिक हो चुकी है कि लगभग सभी साइबर अपराधियों के पास लाखों नंबरों की सूची होती है, जिसके माध्यम से वो आप तक मैसेज में किसी भी तरह के लिंक को भेज कर क्लिक करने के लिए उकसाने का कार्य करते हैं, अतः आप इस तरह क्लिक करने से आपके फ़ोन वायरस आ सकता है, जो सीधे आपके फ़ोन को फेक वेबसाइटों से जोड़ेगा।
- भूलकर भी किसी से अपना OTP शेयर ना करें। आपके आस-पास जो लोग डिजिटल पेमेंट के बारे में ज़्यादा नहीं जानते, उन्हें से अवश्य बताएं कि कोई भी माय वेबसाइट, शॉपिंग साइट, बैंकिंग साइट, अगर वो सही है, तो आपसे फ़ोन पर OTP कभी नहीं मांगते हैं।
- अपनी बैंकिंग डिटेल, क्रेडिट / डेबिट कार्ड के नंबर किसी के साथ शेयर करने या कहीं लिखने से बचें।
- True caller या इनके जैसी अन्य कॉलर आईडी ऐप्स के भरोसे बिलकुल भी ना रहें। स्कैमर्स इस तरह की ऐप्स को आसानी से झाँसा दे सकते हैं और ये ऐप उनके नंबर को स्पैम के तौर पर न के बराबर पकड़ पाती हैं।
- अचानक आपातकालीन स्थितियों में कॉल आने पर, पैसे तुरंत ना भेजें। अगर कोई दोस्त का नाम लेकर ,कहीं फंस गया हूँ या अस्पताल में हूँ कहकर पैसे मांगे, तो तुरंत ना भेजें। अपनी तरफ से जांच करके ही कोई निर्णय लें और नंबर को वेरीफाई अवश्य करें।
- किसी भी आये नकली या स्कैम कॉल को तुरंत साइबर क्राइम के तहत या हेल्पलाइन नंबर 155260 पर कॉल करके, शिकायत दर्ज करें।