लखपति दीदी योजना
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Lakhpati Didi Scheme: लखपति दीदी योजना से होगा महिलाओं का उद्धार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपने संबोधन में कहा कि लखपति दीदी योजना से महिलाओं को बड़ा लाभ हो रहा है. वे अब आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ स्वावलंबी और सामाजिक तौर पर ज्यादा सशक्त बन रही हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक लगभग एक करोड़ महिलाओं ने लखपति दीदी योजना का लाभ उठाया है. योजना के सकारात्मक असर को देखते हुए सरकार ने अब अगला लक्ष्य निर्धारित करते हुआ बताया कि आने वाले कुछ समय में तीन करोड़ लखपति दीदी तैयार करने का निर्णय किया है. इससे न केवल महिलाओं की आर्थिक तरक्की होगी, बल्कि निचले स्तर पर परिवारों को आर्थिक तौर पर मजबूत करने में मदद मिलेगी.

Lakhpati Didi Scheme: क्या है लखपति दीदी योजना?

मुख्य रूप से लखपति दीदी योजना महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने वाला एक विशेष किस्म का कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम है. इसके अंतर्गत 18 वर्ष से 50 वर्ष के बीच की कोई भी महिला किसी भी स्वयं सहायता ग्रुप से जुड़ी होनी अनिवार्य है. इसके बाद वह लखपति दीदी योजना के अंतर्गत स्वयं को पंजीकृत कराकर विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में से कोई एक प्रशिक्षण लेकर अपनी आय बढ़ा सकती है.

इस योजना हेतु आधार, पैन कार्ड, मतदाता कार्ड और बैंक खाते की जानकारी देकर ये महिलायें सरकार से बेहद कम ब्याज दर पर धन प्राप्त कर सकती हैं। इससे वे अपने रोजगार से संबंधित मशीनें खरीद कर या कोई उद्यम लगाकर कमाई कर सकती हैं।

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा है कि हमारी सरकार महिलाओं को आगे बढ़ाने में लगातार काम कर रही है, चाहें वो रोजगार सृजन के माध्यम से या विभिन्न प्रकार के स्किल इत्यादि के प्रशिक्षण प्रदान करके. हमारा लक्ष्य सदैव महिलाओं को न केवल आत्मनिर्भर बनाना बल्कि उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत किया जाये. आने वाले समय में लखपति दीदियों को विभिन्न अलग-अलग योजनाओं से जोड़कर उन्हें करोड़पति बनने में भी मदद किये जाने की योजना भी है. यदि सरकार की तरफ से इस तरह का कोई कदम सामने आता है, तो इससे महिलाओं के जीवन में बड़ा क्रांतिकारी परिवर्तन आ सकता है.

योजना का उद्देश्य

दरअसल पिछले दोनों लोकसभा चुनावों को मद्देनजर रखें तो कहीं न कहीं मोदी सरकार के सत्ता में आने के पीछे महिलाओं का भी खूब साथ मिला है. महिला वोटरों ने भर-भर कर मोदी को वोट देकर सत्ता में सफलता हासिल करने में अहम् हिस्सा बनी हैं. एक बार फिर मोदी सरकार इन्हीं सब बातो को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार लोकसभा चुनावों के ठीक पहले महिलाओं को साधना चाहती है. आगामी लोकसभा चुनाव में 47 करोड़ से अधिक महिला मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में दर्ज हैं। चूंकि, पिछले कई चुनावों में देखा जा रहा है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में ज्यादा बढ़चढ़कर वोट कर रही हैं, माना जा रहा है कि सरकार की इस योजना के केंद्र में वही हैं। यदि महिला वोटरों का साथ पहले की भांति इस बार भी मिला तो यह भी सुनिश्चित है कि माताओं और बहनों के योगदान से मोदी एक बार फिर सत्ता प्राप्ति करने में सफल होंगे.

हालांकि, इसके इतर एक सच्चाई यह भी है कि महिलाओं के आर्थिक तौर पर सशक्त होने से न केवल उनके निजी जीवन में सुधार होता है बल्कि परिवारों की स्थिति में भी सुधार होता है. परिवार में अतिरिक्त आय आने से बच्चों की शिक्षा और खानपान बेहतर होता है. इससे परिवार और बच्चों का भविष्य सुधरता है. यानी लखपति दीदी योजना का असर केवल आर्थिक नहीं, बल्कि सामाजिक और बहुउद्देश्यीय भी है.

कुल महिला मतदाता कितनी

केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2019 के लोकसभा चुनाव में कुल मतदाताओं की संख्या 89 करोड़ 78 लाख 11 हजार 627 थी. 2024 के लोकसभा चुनाव में मतदाताओं की कुल संख्या 96.88 लाख होने का अनुमान है। इनमें लगभग 47 फीसदी या 47.15 करोड़ संख्या महिलाओं की है.

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