कान में ज्यादा देर तक ईयरफ़ोन लगाना जानलेवा
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कान में ज्यादा देर तक ईयरफ़ोन लगाना हो सकता है जानलेवा, इस बीमारी का बड़ा खतरा

नई दिल्ली, 28 मार्च 2024. युवाओं से लेकर लगभग हर उम्र के व्यक्ति के लिए मोबाइल और उससे जुड़े उपकरण उनके दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बन चुके हैं, लेकिन क्या आपको पता है यही उपकरण आपकी सेहत को किस कदर प्रभावित कर रहे हैं और किस स्तर तक हानिकारक है?
डिजिटल मीडिया और स्मार्टफ़ोन्स के बढ़ते इस्तेमाल के साथ ही ईयर फ़ोन और हेडफ़ोन के इस्तेमाल में भी जबरदस्त वृद्धि हुई है. कोरोना काल के बाद से बहुत से निजी कार्यालय अभी भी अपने एम्प्लाइज के लिए वर्क फ्रॉम होम करवा रहे हैं, ऑनलाइन कोचिंग क्लासेस, तो वहीँ दूसरी ओर मनोरंजन के क्षेत्र में ओटीटी की भरमार ने लोगों को ईयरफ़ोन या एयरपोड जैसे उपकरणों का आदि बना दिया है. इसका इस्तेमाल यदि सीमित समय के लिए किया जा रहा है तब तो कोई परेशानी नहीं है परन्तु इसका प्रयोग लगातार पूरे-पूरे दिन या देर रात तक कर रहे हैं तो आपके लिए बेहद चिंताजनक बात है.




इसको लेकर विदेशों में लगातार शोध किए जा रहे हैं और एक रिपोर्ट के अनुसार कुछ लोगों पर जाँच की गयी जो लगातार ईयरफ़ोन या हेडफोन का इस्तेमाल कर रहे थे. रिपोर्ट के अनुसार लगभग 25 प्रतिशत ऐसे लोग सामने निकल कर आये जिनके सुनने की क्षमता में कमी पायी गयी थी. यह सभी लोग लगातार इस तरह के उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे थे.
दरअसल ईयरफ़ोन या हेडफोन इत्यादि के कान को नुकसान पहुँचाने का मुख्य कारण कान के अन्दर एक पर्दा होता है. जिसे हम सब सामान्यतः ईयरड्रम के नाम से जानते हैं. इसमें कई नसें और पार्ट्स होते हैं जिनका सीधा जुडाव मस्तिष्क से होता है. जब कोई व्यक्ति कानों में हेडफोन लगाकर तेज आवाज़ में सुनता है तो कान के पर्दों में तीव्र कम्पन होता है. जिसके चलते कानों के ईयरड्रम पर काफी दबाव पड़ता है. जिसका सीधा दुस्प्रभाव सुनने की क्षमता पर पड़ता है. इसके अतिरिक्त लगातार सुनने से या फ़ोन पर बात करने से कानों में मैल भी जमा होने लगता है और उसके चलते कान में संक्रमण, सुनने की समस्या और टिटनेस जैसे गंभीर दर्दनाक समस्या पैदा हो जाती है.




जिस प्रकार से आम जनजीवन में इन उपकरणों का अत्यधिक इस्तेमाल किया जा रहा है उसको देखते हुए यह अंदाज़ा आसानी से लगाया जा सकता है कि आने वाले कुछ वर्षों में बहरेपन की समस्या में काफी इजाफा देखने को मिलेगा. कानों में लगातार कम्पन होने के कारण कानों के अन्दर मौजूद सुनने वाले सेल्स अपनी सवेदनशीलता खो देते हैं और बहरापन हो जाता है.




आज कल ईयरफोन, एयरपोड और हेडफोन का चलन काफी तेज है लेकिन आपको बताते चले कि यदि किसी खास कारण के चलते आपको अधिक समय तक इन उपकरणों का इस्तेमाल करना पड़ता है तो ऐसे में अन्य उपकरणों की तुलना में हेडफोन ज्यादा सुरक्षित हैं. जब हम ईयरफ़ोन को सुनते हैं तो उस वक़्त कान के पर्दे के बीच दूरी काफी कम हो जाती है. जबकि हेडफोन इसकी तुलना में कम नुकसानदेय रहता है. दरअसल हेडफोन कान के अन्दर नहीं जाते है. एक और विशेष बात का ध्यान रखें कि इन सबके अतिरिक्त तेज आवाज़ में म्यूजिक सुनने से भी परहेज करें. समय-समय पर अपने डॉक्टर से कानों की जांच और साफ़-सफाई अवश्य करा लें.



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