सफला एकादशी व्रत
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Saphala Ekadashi Vrat: सफला एकादशी व्रत में रविवार को करें गेहूं का दान, देखें मुहूर्त, अशुभ समय, राहुकाल, दिशाशूल

नई दिल्ली, 7 जनवरी 2024: साल बदल चुका है और अब हम सब 2023 से 2024 में प्रवेश कर चुके हैं, साल सिर्फ एक कैलेण्डर के तौर पर ही नही बदलता बल्कि मानव जीवन की आतंरिक ईश्वरीय शक्तियों में भी परिवर्तन होता है। इस परिवर्तन का प्रभाव सीधा उनकी राशियों पर पड़ता है कुछ राशियाँ इस परिवर्तन में सकारात्मक उर्जा प्रदान करती हैं तो कुछ राशियाँ नकारात्मक प्रभाव छोडती हैं। दरअसल हम बात कर रहे हैं सफला एकादशी व्रत के बारे में जो कि आज 7 जनवरी को मनाया जा रहा है। पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को सफला एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

सफला एकादशी व्रत का मुहूर्त

सफला एकादशी व्रत 7 जनवरी 2024, रविवार को है। इस दिन एकादशी तिथि प्रातः 06:22 बजे से शुरू होकर अगले दिन प्रातः 04:34 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार सफला एकादशी व्रत 8 जनवरी 2024, सोमवार को भी रखा जा सकता है।

सफला एकादशी व्रत की पूजा का समय

सफला एकादशी की पूजा प्रातः 08:33 बजे से 12:27 बजे के मध्य कर लेनी चाहिए।

सफला एकादशी व्रत का पारण

सफला एकादशी का पारण अगले दिन प्रातः 07:15 बजे से 09:20 बजे के मध्य किया जाएगा।

सफला एकादशी व्रत के अशुभ समय

सफला एकादशी व्रत के दिन राहुकाल दोपहर 01:30 बजे से 03:24 बजे तक रहेगा। इस समय किसी भी शुभ कार्य को करना वर्जित माना जाता है।

सफला एकादशी व्रत के दिशाशूल

सफला एकादशी व्रत के दिन पश्चिम दिशा में दिशाशूल है। इस दिन पश्चिम दिशा की यात्रा करना अशुभ माना जाता है।

सफला एकादशी व्रत के दिन दान का विशेष महत्व है। इस दिन गेहूं, चावल, वस्त्र, अन्न, फल, फूल आदि का दान करना चाहिए। ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सुखसमृद्धि आती है।

सफला एकादशी व्रत कथा

एक समय की बात है, एक नगर में एक धनी व्यापारी रहता था। वह बहुत ही धर्मात्मा था और भगवान विष्णु की बड़ी भक्ति करता था। एक बार उसने सफला एकादशी का व्रत रखा। उसने पूरे विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की और दान-पुण्य किया।

उसके व्रत और दान से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उसे दर्शन दिए और कहा, “तुमने सफला एकादशी का व्रत रखकर मेरा परम भक्त सिद्ध हुआ है। तुम्हारी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।”

व्यापारी को भगवान विष्णु के दर्शन से बहुत खुशी हुई। उसने भगवान से कहा, “हे भगवान, मैं आपकी कृपा से धन-धान्य से परिपूर्ण हूं। अब मैं क्या चाहूं?”

भगवान विष्णु ने कहा, “तुम अपने धन-धान्य का उपयोग दूसरों की भलाई में करो। दान-पुण्य करो। इससे तुम्हारे पुण्य बढ़ेंगे और तुम मोक्ष प्राप्त कर पाओगे।”

व्यापारी ने भगवान विष्णु की बात मान ली और वह हमेशा दूसरों की भलाई में धन-धान्य का उपयोग करने लगा। वह दान-पुण्य भी करता रहता था।

व्यापारी की भक्ति और दान-पुण्य से वह बहुत धनवान और प्रसिद्ध हो गया। उसके घर में सुख-समृद्धि बनी रही और वह अंत में मोक्ष प्राप्त कर पाया।

सफला एकादशी व्रत का महत्व

सफला एकादशी व्रत का बहुत ही महत्व है। इस व्रत को रखने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस व्रत को रखने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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