कोरोना महामारी के दौरान देश की राजधानी दिल्ली के निजी स्कूलों में पढ़ रहे सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने अपने माता-पिता को खोया है। जिसके बाद ये छात्र अनाथ हो गये हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार अंतर्गत शिक्षा निदेशालय ने अब इन छात्रों की ओर मदद का हाथ बढ़ाते हुए इनकी शिक्षा का खर्च स्वयं वहन करने का बीड़ा उठाने का निर्णय लिया है।
शिक्षा निदेशालय के निजी स्कूल शाखा ने बताया कि दिल्ली विकास प्राधिकरण और निजी जमीनों पर बने सभी निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र, जो कोरोना या अन्य कारणों से अनाथ हो गये हैं उन सभी छात्रों की फीस माफ होगी। इसके अतिरिक्त सभी उप शिक्षा निदेशकों को यह भी निर्देश दिया गया है कि छात्रों की शिक्षा की निरंतरता में कोई व्यवधान न आये इसके लिए विशेष तौर पर ध्यान रखा जाये।
शिक्षा निदेशालय ने बताया कि सरकार द्वारा आवंटित भूमि और निजी भूमि में संचालित होने वाले सभी मान्यता प्राप्त निजी स्कूल और गैर-सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक स्कूलों में पढ़ने वाले नर्सरी से आठवीं तक के वो छात्र जो कोरोना महामारी के चलते वर्ष 2020 के बाद अनाथ हो गए हैं। उनकी शिक्षा मुफ्त में करायी जाएगी.
उन बच्चों को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) या वंचित समूह (डीजी) के अंतर्गत शामिल किया जाए। स्कूल इस श्रेणी के सभी छात्रों की प्रतिपूर्ति का दावा शिक्षा निदेशालय से लेंगे। वहीं, नौवीं से 12वीं तक के जो छात्र वर्ष 2020 के बाद अनाथ हो गए हैं उन्हें तत्काल स्कूल फ्रीशिप श्रेणी में शामिल किया जाए और इस श्रेणी में लागू सभी लाभ छात्र को दिए जाए।
वहीं, निजी भूमि पर संचालित सभी निजी और अल्पसंख्यक स्कूलों में नौवीं से 12वीं तक की कक्षाओं के छात्रों को सरकारी स्कूलों में दाखिला लेकर पढ़ाई पूरी करने को लेकर मार्गदर्शित किया जाये |