कोरोना महामारी संक्रमण ने पूरे विश्व को हिला कर रख दिया है और अब धीरे-धीरे भारत में भी अपने पैर पसार चूका है, कोरोना के बढ़ते प्रकोप से सबसे ज्यादा समस्या प्रवासी मजदूरों और गरीबों को झेलना पड़ रहा है, हालात ये बने कि उन्हें मजबूरन पैदल ही हजारों किलोमीटर का सफ़र अपने गृह निवास के लिए शुरू करना पड़ गया, जिसके चलते केन्द्र सरकार और राज्य सरकार दोंनो के ऊपर दबाव बढ़ने लगा जिसकी वजह से उन्हें प्रवासी मजदूरों के लिए विशेष श्रमिक ट्रेन चलानी पड़ी, लेकिन प्रवासी मजदूर इस बात से शायद बेखबर थे कि जिस ट्रेन को अपना मसीहा समझ रहे थे वही उनके लिए मौत का कारण बन गयी
रेलवे के द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार 7 मई से 27 मई तक चलने वाली श्रमिक ट्रेन में 80 लोगों को अपनी जान गँवानी पड़ी, प्राप्त आंकड़ों के अनुसार श्रमिक स्पेशल में ये मौतें 9 से 27 मई के बीच हुई हैं, मिली जानकारी के मुताबिक 23 मई को 10 मौत, 24 मई को 9 मौत, 25 मई को 9 मौत, 26 मई को 13 मौत, 27 मई को 8 मौत इनमें से 11 मौतों को लेकर कारण बताए गए हैं. जिनमें पुरानी बीमारी या फिर अचानक बीमार पड़ने का हवाला दिया गया है | इसमें एक उस शख्स की भी मौत हुई है जिसको कोरोना वायरस से संक्रमित बताया गया है.
जारी रिपोर्ट पर पूर्व लोकसभा सांसद व कांग्रेसी नेता उदित राज ने तंज कसते हुए ट्वीट करते हुए लिखा कि “ रेलवे के अनुसार 7 मई से 27 मई के बीच श्रमिक ट्रेन में 80 मजदूर मरे, सरकार कहेगी की ये बीमार थे, उसी तरह से जैसे हर अपनी असफलता को नेहरु जी पर दाल देने की आदत है” |