लखनऊ, 14 जनवरी 2024: उर्दू साहित्य के मशहूर शायर मुनव्वर राणा का रविवार को लखनऊ के पीजीआई में निधन हो गया। वह 71 वर्ष के थे।
उनकी तबीयत पिछले कुछ दिनों से खराब चल रही थी और उन्हें लखनऊ के पीजीआई में भर्ती कराया गया था। रविवार को सुबह उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उनका निधन हो गया।
मुनव्वर राणा का जन्म 11 मार्च 1952 को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुरादाबाद से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से उर्दू में एमए किया।
मुनव्वर राणा को उनकी मां पर लिखी शायरियों के लिए जाना जाता है। उनकी मां पर लिखी गई उनकी कविता “माँ” काफी प्रसिद्ध है। इसके अलावा, उन्होंने देशभक्ति, प्रेम और सामाजिक विषयों पर भी कई कविताएँ लिखी हैं।
मुनव्वर राणा को कई साहित्यिक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें “साहित्य अकादमी पुरस्कार”, “पद्मश्री”, “द लिटिल मैगजीन पुरस्कार” और “अल्लामा इकबाल पुरस्कार” शामिल हैं।
उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कई अन्य नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।
मुनव्वर राणा की प्रमुख रचनाएँ:
• माँ
• वतन
• इश्क
• समाज
• इंसानियत
मुनव्वर राणा को मिले प्रमुख पुरस्कार:
• साहित्य अकादमी पुरस्कार (1993)
• पद्मश्री (2002)
• द लिटिल मैगजीन पुरस्कार (2007)
• अल्लामा इकबाल पुरस्कार (2012)