साइबर अपराधी बैंक अधिकारियों से मिलीभगत कर ग्राहकों को क़ानूनी पचड़ों में फंसा रहे
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बैंक अकाउंट में पैसे डाल कर साइबर अपराधी बैंक अधिकारियों से मिलीभगत कर ग्राहकों को क़ानूनी पचड़ों में फंसा रहे

साइबर क्राइम की लगातार बढ़ रही घटनाओं के चलते सरकार और प्रशासन लगातार आम जनता को जागरूक करने का काम का रही है. हालाँकि साइबर अपराधियों को रोकना अभी भी संभव नहीं हो पा रहा है. साइबर अपराधियों का ठगने में इस्तेमाल होने वाला सबसे बड़ा हथियार पीड़ितों का बैंक अकाउंट ही होता है. लेकिन सबसे बड़ी हैरान करने वाली खबर ये है कि अब इन साइबर अपराधियों को खुद बैंक के कर्मचारी और अधिकारी ही मदद कर रहे हैं. दरअसल बैंक अधिकारियों और साइबर ठगों के मिलीभगत के कई मामले पिछले दिनों में सामने आये हैं, जिसके कारण अब ग्राहकों को भी गंभीर चिंता सताने लगी थी. पिछले ही दिनों एक निजी बैंक के खाताधारक के बंद पड़े बैंक अकाउंट में भारी-भरकम रकम आयी और उनका खाता फ्रीज कर दिया गया है. उन्हें भनक भी नै उसके बावजूद भी वो न चाहते हुए वो क़ानूनी पचड़े में पड़ रहे हैं.

इस तरह की गंभीर क़ानूनी समस्याओं से बचने के लिए अपने बंद पड़े बैंक खातों को या तो बंद करा दें अथवा उन खातों के हर हफ्ते बैंक स्टेटमेंट जरुर निकाल लें. पिछले 15 दिनों में पांच बड़े निजी बैंक अधिकारियों ई साइबर ठगों से मिलीभगत सामने आ चुकी है. ये अधिकारी ग्राहकों की जानकारी व बायोमैट्रिक से ऑनलाइन खाता खोलकर साइबर ठगों को बेच देते थे. कई बार देखने में आता है कि एक ही व्यक्ति के कई बैंकों में खाते होते हैं परन्तु कुछ वक़्त के बाद उनमे से एकाध खाते निष्क्रिय हो जाते हैं. जब ज्यादा समय तक खाते निष्क्रिय रहते हैं तो इन्ही बैंक खातों का साइबर ठग बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर ग्राहकों के बिना जानकरी के ये गन्दा काम करते थे.

आज कल के बढ़ते सोशल मीडिया प्रचलन के कारण और भी बहुत से रस्ते उत्पन्न हो गए हैं जिससे साइबर ठग आम जनता को शिकार बना रहे हैं, जिसमे सबसे ज्यादा इस्तेमाल टेलीग्राम नामक सोशल प्लेटफार्म. इसका दुरुपयोग सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है, अतः सतर्कता ही बचाव है. ऐसे में किसी भी अनजाने मैसेज, लिंक पर क्लिक करने से परहेज करें.

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