कोरोना वायरस के टीकाकरण के लिए पहचान पत्र के तौर पर आधार कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट, पैन कार्ड, एनपीआर स्मार्ट कार्ड या पेंशनइन में से किसी भी एक दस्तावेज का होना अनिवार्य है. लेकिन अब कुछ लोगों को इस नियम से छूट दी गई है
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए पूरे देश में टीकाकरण अभियान जारी है. 18-44 उम्र वर्ग के लोगों को टीका लगवाने के लिए ‘कोविन’ पोर्टल या आरोग्य एप पर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है. साथ ही रजिस्ट्रेशन के समय पहचान पत्र के तौर पर आधार कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट, लाइसेंस, पैन कार्ड, एनपीआर स्मार्ट कार्ड या पेंशन इन में से किसी एक दस्तावेज का नंबर दर्ज कराना जरुरी है. लेकिन देश में कुछ ऐसे व्यक्ति भी हैं, जिनके पास फोटो पहचान पत्र के नाम पर कुछ भी नहीं है. ऐसे में देश के इन व्यक्तियों को भी टीकाकरण अभियान से जोड़ने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नई गाइडलाइंस केंद्र मंत्रालय ने कहा है कि सामाजिक न्याय कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक मामलों के विभाग की सहायता से जिला टास्क फोर्स ऐसे व्यक्तियों के समूहों की पहचान कर सकती है जिनके पास कोई भी फोटो पहचान पत्र नहीं है. केंद्र मंत्रालय ने कहा है कि , जिला टास्क फोर्स द्वारा एक जिला नोडल अधिकारी की नियुक्ति कि जा सकती है. पहचान किए गए व्यक्तियों के समुह का कोरोना वायरस टीकाकरण के लिए जिला टीकाकरण अधिकारी (डीआईओ) जिम्मेदार होगा. जिला नोडल अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होगा कि ये विशेष छूट केवल उन लोगों के लिए है जिनके पास अनिवार्य फोटो पहचान पत्र नहीं है.जारी की हैं.
केंद्र मंत्रालय ने ऐसे व्यक्तियों की पहचान की है, जिनके पास कोई पहचान पत्र नहीं होता है. जैसे की वृद्धाश्रम के लोग, विभिन्न धर्मों के साधु/संत, भिखारी, जेल के कैदी पुनर्वास केंद्रों में रहने वाले लोग शामिल हैं. अब से इन व्यक्तियों को बिना पहचान पत्र के भी टीका लगाए जाने की व्यवस्था की गई है.