पूर्व सांसद व कांग्रेस नेता उदित राज ने एक बार फिर केन्द्र सरकार को घेरते हुए सवाल उठाया कि कोरोना से निजीकरण का क्या सम्बन्ध है, दुनिया में एक भी सरकार ऐसी नही है जो मज़बूरी और वक्त का फायदा उठाकर जनता की संपती बेच दे, हाल ही में केन्द्र सरकार ने आत्मनिर्भर अभियान के तहत कोविड- 19 के 20 लाख करोंड पैकेज बजट की घोषणा करी, इसके साथ ही अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए 6 और हवाई अड्डों के निजीकरण की घोषणा करी | इस घोषणा के बाद से ही विपक्ष लगातार केन्द्र सरकार पर सवाल उठा रहा है | निजीकरण के खिलाफ उदित राज वर्षों से सघर्ष कर रहे हैं, जब वह भाजपा में थे और दिल्ली से लोकसभा सांसद थे उस समय भी वो हर वर्ष रामलीला मैदान में निजीकरण और ठेकेदारी प्रथा के खिलाफ लाखों लोगों के साथ रैली करते थे, जिसके चलते उन्हें भाजपा से 2019 के लोकसभा चुनाव में टिकट से हाथ धोना पड़ा |
उदित राज सोशल मीडिया पर खासा एक्टिव रहते हैं और सरकार के खिलाफ कड़ी से कड़ी टिपण्णी करते रहते हैं, कुछ दिन पहले ही उदित राज ने मजदूरों की सड़क दुर्घटनाओं में हो रही मौतों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस्तीफे की माँग कर दी थी, इसी दौरान उन्होंने यह भी घोषणा करी कि लॉकडाउन के बाद वह सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ भी घेराव करेंगे |