- भारत के सर्वोच्च न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट ) ने सीबीएसई को शेष परीक्षाओं को रद्द करने पर विचार करने और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर मार्क्स देने के लिए कहा है |
भारत के सर्वोच्च न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट ) ने बुधवार को 12 वीं कक्षा की परीक्षा दे रहे हैं छात्रों के कुछ अभिभावकों के द्वारा दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीएसई से कहा कि वह कक्षा 10 वीं और 12 वीं की बोर्ड परीक्षाओं के शेष प्रश्नपत्रों के स्क्रैपिंग पर विचार करे और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर नंबर दे
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई इस याचिका में छात्रों की सुरक्षा पर चिंता जताते हुए यह दलील दी गई की अगर कॉरोनोवायरस के बढ़ते मामलों की बीच अगर छात्रों को परीक्षाओं में शामिल होना पड़ता है, तो उन छात्रों पर कॉरोनोवायरस से सक्रमण होने का ख़तरा बढ़ सकता है |
याचिकाकर्ताओं का यह भी कहना था की कॉरोनोवायरस महामारी के बढ़ते प्रसार को देखते हुए, सीबीएसई ने अपने लगभग 250 स्कूलों की दसवीं और बारहवीं कक्षा की परीक्षाएं को रद्द कर दिया है और इंटरनल एग्जाम या इंटरनल अस्सेसेमेन्ट के आधार पर छात्रों को मार्क्स देने के मानदंड को अपनाया है।