40% से अधिक पूर्वांचली दिल्ली में रहते हैं
दिल्ली नगर निगम चुनाव में आज से लेकर कल तक सभी प्रमुख पार्टियाँ अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर देंगी, हालाँकि आम आदमी पार्टी ने कल रात को ही 134 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है. नगर निगम चुनाव में जिन 250 वार्डों में चुनाव होना तय हुआ है उन वार्डों की वोटर लिस्ट सहित सभी कार्यवाही लगभग पूर्ण की जा चुकी है. इस बार दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा की सीधी लड़ाई आम आदमी पार्टी से है. लेकिन इस बार चुनाव में यदि सबसे ज्यादा प्रभाव किसी वर्ग का रहेगा तो उसमे पूर्वांचलियों का जोर देखने को जरुर मिलेगा. नये परिसीमन के अनुसार दिल्ली के 250 वार्डों में लगभग 40 प्रतिशत या यूँ कहे तो लगभग 100 के आसपास ऐसे वार्ड होंगे जहाँ के उम्मीदवारों के भविष्य का फैसला पूर्वांचली करेंगे.
दिल्ली नगर निगम में यदि वोटरों की दृष्टि से देखा जाये तो पश्चिमी दिल्ली स्थित वार्ड नवादा दिल्ली का सबसे बड़ा वार्ड है जहाँ वोटरों की सख्या 98 हजार 734 है. वहीँ सबसे छोटा वार्ड यदि संख्या के हिसाब से देखा जाये तो कापसहेड़ा है जहाँ वोटरों की संख्या मात्र 20 हजार है.
दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने पिछले दिनों मतदाताओं की जो सूची जारी की है उसके अनुसार दिल्ली नगर निगम में कई ऐसे वार्ड है जहां पूर्वांचली वोटरों की संख्या काफी अधिक है. उत्तरी दिल्ली में भी कई ऐसे वार्ड हैं जहाँ पूर्वांचली वोटरों की ही संख्या प्रमुख रूप से है जिसमे बुराड़ी, किराड़ी और रिठाला विधानसभा है. यदि वार्ड स्तर पर बात करें तो भलस्वा, प्रेम नगर, मुबारकपुर, संगम विहार, निठारी, मोहन गार्डन, विकास नगर, कुंवर सिंह नगर सहित कई वार्ड है. भाजपा और आम आदमी पार्टी दोनों ही राजनितिक दल अपने उम्मीदवारों के चयन में पूर्वांचली फैक्टर को प्रमुखता से ध्यान में रखते हुए ही नाम तय कर रहे हैं.