· केजरीवाल अन्य राज्यों के नाम पर अपनी नाकामी छुपाना चाह रहे : मनोज तिवारी
· प्रदेश महामंत्री कुलजीत चहल और मीडिया प्रभारी अशोक गोयल ने भी पूछे दिल्ली सरकार से सवाल

नई दिल्ली, 1 जून, कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न हुए संकट के समय में दिल्ली के लोगों को सुरक्षित रखने में दिल्ली सरकार नाकाम साबित हुई। दिल्ली सरकार की विफलताओं को लेकर आज दिल्ली भाजपा ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में धरना प्रदर्शन किया। दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी, प्रदेश महामंत्री श्री कुलजीत सिंह चहल और मीडिया प्रभारी श्री अशोक गोयल देवराह ने राजघाट में धरना प्रदर्शन किया। इस धरना में प्रदेश पदाधिकारी, भाजपा विधायक, विधायक प्रत्याशी, जिला व मंडल के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। धरने के दौरान भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी को राजघाट से दिल्ली पुलिस के द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया |
धरना प्रदर्शन के दौरान मीडिया के जरिये श्री मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली सरकार अपनी विफलताओं और नाकामियों को छुपाने के लिए ओछी राजनीति करती आई है। कोरोना महामारी संक्रमण के समय में भी दिल्ली सरकार दिल्ली लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं और इलाज से वंचित रखने का काम कर रही है। अव्यवस्था इस कदर है कि लोगों को अस्पतालों में बेड मिल रहे हैं न वेंटिलेटर और निजी अस्पतालों में इलाज के लिए 5 से 15 लाखों रुपए देने पड़ रहे हैं। कोविड-19 की टेस्टिंग भी 6 दिन के बाद की जा रही है। दिल्ली सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतर सेवाएं मुहैया कराने में पूर्ण रूप से विफल रही है। दिल्ली के अस्पतालों में दिल्ली के लोगों को ही स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल रही है और अब मुख्यमंत्री केजरीवाल अन्य राज्य के लोगों के नाम पर अपनी असफलताओं को छुपाना चाहते हैं।
श्री तिवारी ने राशन वितरण प्रणाली को लेकर भी सवाल उठाए और कहा कि प्रत्येक व्यक्ति अपने स्तर पर कोविड-19 महामारी में खुद को सुरक्षित रखने के लिए संघर्ष कर रहा है और इसी क्रम में केंद्र की ओर दिल्ली को भी पर्याप्त राशन मुहैया कराया गया था ताकि लॉक डाउन से प्रभावित होकर किसी भी जरूरतमंद व गरीब को भूखा न सोना पड़े। लेकिन गैर जिम्मेदार दिल्ली सरकार ने न तो ई कूपन धारकों को राशन दिया और न ही केंद्र की ओर से मिले राशन को दिल्ली के गरीब व जरूरतमंद लोगों तक पहुंचने दिया। दिल्ली सरकार ने प्रवासी व निवासी मजदूरों को भी राशन से वंचित रखकर दिल्ली से पलायन करने पर मजबूर कर दिया।
दिल्ली में पानी की समस्या को लेकर भी श्री तिवारी ने दिल्ली सरकार को घेरते हुए कहा कि दिल्ली में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। फ्री पानी देने का वादा करने वाली केजरीवाल सरकार आज दिल्ली के लोगों को साफ पानी भी नहीं मुहैया करवा पा रही है। लॉक डाउन के दौरान बिजली का उपयोग ना होने के बावजूद दिल्ली के व्यापारी, उद्यमी, दुकानदार को एवरेज बिल व फिक्स्ड चार्ज के नाम पर बिजली कंपनियों द्वारा भारी-भरकम बिल भेजे जा रहे हैं। दिल्ली के लोगों का हितैषी बनने का ढोंग करने वाली केजरीवाल सरकार विज्ञापनों में खुद का प्रचार करने के लिए करोड़ों खर्च कर देती है लेकिन जब बात दिल्ली के लोगों के हितों में खर्च करने की आती है या कर्मचारियों को वेतन देना होता है तो कहते हैं कि हमारे पास फंड ही नहीं है। 70 घंटे बीत जाने के बाद भी केजरीवाल सरकार ने यह जवाब नहीं दिया है कि पिछले 2 महीने में उन्होंने विज्ञापन पर कितने करोड़ खर्च किए और अस्पतालों में बेड व वेंटिलेटर उपलब्ध कराने के लिए कितने खर्च किए?
प्रदेश महामंत्री श्री कुलजीत सिंह चहल ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को कुंभकर्णी निद्रा से जगाने के लिए आज सभी 70 विधानसभाओं में धरना किया गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली भाजपा लगातार दिल्ली सरकार की ध्वस्त होती स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर आवाज उठाती रही है और आगे भी उठाती रहेगी।
प्रदेश मीडिया प्रभारी श्री अशोक गोयल ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास जवाब के बजाए सिर्फ फण्ड न होने के बहाने बचे हुए हैं। आखिर जनता को जानने का हक़ है कि उन्होंने किस चीज में पैसा खर्च किया है। जब केजरीवाल ने कहा कि लोगों का इलाज अब घर पर होगा तब श्री गोयल ने सवाल किया कि जब अस्पतालों में बेड खाली हैं तो इलाज़ घर पर क्यों ? टेस्टिंग 6 दिन में क्यों ? अस्पताल 15 लाख ले रहा है क्यो ? गरीबो को राशन नही दिया क्यों ? बिना इस्तेमाल के बिजलीं के बिल क्यों ?
सवालों के जवाब तो केजरीवाल और उनकी दोगली पार्टी के नेताओं ने तो दिए नहीं लेकिन एक साजिश के तहत श्री मनोज तिवारी जी को राजघाट धरने पर आप से सवाल पूछने पर दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया। ऐसे में बड़ा सवाल ये है क्या सवाल पूछना ग़लत है ? क्या जनता के हित में सोचना ग़लत है ?
अरविंद केजरीवाल क्यों दिल्ली की भोली भाली जनता को ठग रहे है। पानी बिजली फ़्री के नाम पर वोट लेने वाले अरविंद केजरीवाल आज जनता को केवल अंधकार में रखने की पूरी कोशिश में जोरों शोरों ने लगी हुई है। केजरीवाल सरकार के पास प्रचार में लगाने का बहुत पैसा है लेकिन जनता के इलाज, और उनकी जरूरत पूरी करने के समय पर केंद्र सरकार से फण्ड मांगने की अपील कर देते हैं। जनता को बेकूफ़ बनाकर वो चुनाव तो वो जीत गए, लेकिन कुछ ही दिनों में केजरीवाल का असली चेहरा दिल्लीवासियों के सामने आ ही गया।