भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड और Zydus Cadila को स्वदेशी रूप से विकसित किये गए वैक्सीन को इंसानो पर टेस्ट करने के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से मंजूरी मिल गई है,
भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड और Zydus Cadila द्वारा विकसित किए गए टीको का काम Sars-Cov-2, विषाणु को खत्म करना है जो कोरोनोवायरस बीमारी का कारण बनता है,
वैश्विक स्तर पर 100 से अधिक से मेडिसिन कंपनी द्वारा कोरोना वायरस कि दवा तैयार कर के वर्तमान में मनुष्यों में परीक्षण किए जा रहे हैं, और कुछ ने प्रारंभिक चरण के परीक्षणों में सफलता की संभावित को भी देखा है। हालाँकि, अभी तक किसी भी वैक्सीन को व्यावसायिक उपयोग के लिए अनुमति नहीं दी गई है ।
भारत में कोरोनावायरस के मामलों की संख्या 625,000 से अधिक है और कोरोनावायरस से देश में मरने वालों की संख्या 18,000 से ऊपर पहुंच चूकि है।
- भारत बायोटेक ने सोमवार को भारत के पहले कोविद -19 वैक्सीन, कोवाक्सिन को सफलतापूर्वक विकसित करने का दावा किया था, और कहा कि इसे ड्रग कंट्रोलर से मानव नैदानिक परीक्षण शुरू करने की अनुमति मिल चुकि है
- भारत बायोटेक के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक, डॉ. कृष्णा एला का कहना है कि , ‘हम कोरोना के ख़िलाफ़ भारत के पहले घरेलू स्तर पर विकसित वैक्सीन COVAXIN का ऐलान करते हुए गौरवान्वित महसूस हो रहा है | COVAXIN वैक्सीन के विकास में आईसीएमआर और एनआईवी की सहभागिता अहम रही है। सीडीएससीओ के सक्रिय समर्थन और मार्गदर्शन से इस परियोजना को मजूरी मिल पाना संवभ हुआ है ।
शुक्रवार को, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कहा कि वह 15 अगस्त को दुनिया का पहला कोविद -19 वैक्सीन लॉन्च करने का प्रयास कर रहा है।