देश में कोरोना महामारी संक्रमण की वजह से पूरा देश लॉक डाउन है जिसके चलते सरकार और प्रशासन की तरफ से सख्त हिदायत है कि सभी को घर के अन्दर ही रहना है और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना है। इसके बावजूद देश में कोरोना पीड़ितों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है जिससे यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि हो सकता है लॉकडाउन को 3 मई के बाद भी बढाया जा सकता है |
लॉकडाउन की वजह से लोग अपने घरों में ही रह रहे हैं और ज्यादा से ज्यादा समय टीवी, कंप्यूटर और मोबाइल में अपना समय व्यतीत कर रहे हैं । बच्चे, बड़े, बूढ़े सहित लगभग सभी वर्ग और उम्र के लोग समय काटने के लिए कभी टीवी देख कर टाईम पास कर लेते है तो कभी फ़ोन पर कुछ गेम खेलकर या सोशल मीडिया के इस्तेमाल से लॉक डाउन में समय काट रहें हैं। जिसकी वजह से अचानक पिछले एक हफ्ते में आँखों से सम्बंधित बीमारी की शिकायतों में तेज़ी देखने को मिली है, जिसके चलते आई-ड्रॉप्स की मांग काफी ज्यादा बढ़ी है |
दवा दुकानदारों के मुताबिक पहले लोग आई-ड्रॉप्स सामान्यतः मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद आंख में डालने के लिए खरीदते थे लेकिन अब इन दवाओं का स्टॉक कम होता जा रहा है। इसकी बड़ी वजह सिर्फ लॉकडाउन में लोगों का ज्यादातर समय टीवी और स्मार्ट फोन के अधिक इस्तेमाल से हुआ है। लेकिन अब घर मे रह कर मोबाइल और टीवी स्क्रीन की वजह से लोग खुद इन दवाइयों को लेने आगे आ रहे है। जिसकी वजह से इन दवाइयों के स्टॉक में कमी भी आ रही है क्योंकि लॉकडाउन के कारण ट्रांसपोर्टेशन के कारण दिक्कतें आ रही है।
इसी दौरान हमने द्वारका स्थित आई परफेक्ट- आई एंड लेजर सेंटर के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. वीर विक्रम सिंह छिल्लर से बात करी, उन्होंने बताया कि लॉक डाउन के कारण सभी को घर मे रहना है और अपने परिजनों के साथ समय व्यतीत करना है। वही लोग समय को काटने के लिए स्क्रीन टाइम बढ़ा रहें हैं। स्क्रीन टाइम से मतलब है- टीवी, मोबाइल, लैपटॉप, टेबलेट, इत्यादि इन सबको मिलाकर स्क्रीन टाइम कहा जाता है। उन्होंने बताया कि स्क्रीन टाइम का ज्यादा इस्तेमाल होने से आंखों पर काफी दुष्प्रभाव पड़ता है। इस दौरान उन्होंने जो खास लक्षण देखे वो हैं आंखों में लाली होना, पानी आना, राड़कन होना, भारीपन होना और सूखापन होना, इन सब चीज को मिलाकर कहा जाता है कंप्यूटर विज़न सिंड्रोम या सूखापन।
इसका बचावी उपचार बताते हुए डॉ छिल्लर ने बताया कि 20 मिनट स्क्रीन टाइम के बाद कम से कम 20 सेकंड आंखों को आराम देना चाहिए और 20 मीटर दूर देखना है नाकि आंख बंद करके रखना है। आंखों को बार-बार ठंडे पानी से धोना चाहिए, और ठंडा पानी यानी मटके का पानी 20° तापमान का ना कि फ्रिज के पानी का इस्तेमाल करना है। साथ ही पोषण पर खास ध्यान रखना है, हरी सब्जियां, गाजर, फल का सेवन करें। इन सभी चीजों से हम अपनी आंखों को स्वस्थ रख पायेंगे।