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कॉर्पोरेट इतिहास के सबसे बड़े समूह अडानी का सबसे बड़ा फ्रॉड

पिछले कुछ दिनों से हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद से अडानी समूह को देशभर में काफी किरकरी का सामना करना पड़ रहा है. इस रिपोर्ट में क्या है और इसका असर कैसे अडानी समूह के शेयर पर पड़ा, परन्तु अभी भी आम जनता इस पूरे प्रकरण से अवगत नही हो पायी है लेकिन उनके अन्दर काफी जिज्ञासा है. इसी को ध्यान में रखते हुए हमने स्वतंत्र पत्रकार श्याम मीरा सिंह के द्वारा इस मामले पर पूरा विषय हिंदी रूपांतरण के साथ सरल भाषा में ट्विटर पर पोस्ट किया गया है जिसका संकलन कर एक लेख के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं. श्याम मीरा सिंह एक निर्भीक स्वतंत्र पत्रकार है और उनके इस प्रयास का सम्मान करते हैं.

कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा फ्रॉड – हिंडनबर्ग रिपोर्ट कहती है कि अडानी ग्रुप में टॉप रैंक्स के 22 लोगों में अडानी के ही परिवार के 8 लोग हैं. परिवारीजनों ने टैक्स हेवन कंट्रीज में फर्जी शेल कंपनियां खोली हुईं हैं. इनका पैसा भारत की अडानी कंपनियों में मूव किया जाता है.

Hindenburg के अनुसार, अडानी के परिवार के सदस्य इन शेल कंपनियों के माध्यम से एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट के फर्जी documentation बनाते हैं, ताकि फेक turnover दिखाया जा सके, इनका संबंध होता है भारत के शेयर मार्किट में लिस्टेड अडानी की कंपनियों से; ताकि अडानी की बैलेंस शीट की हेल्थ सही दिखे.

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने ADANI के छोटे भाई राजेश अडानी के एक पुराने केस के बारे में भी जिक्र किया है कि कैसे साल 2004-05 की सरकार की डायमंड ट्रेडिंग स्कीम के फ्रॉड में वे आरोपी थे. इस फ्रॉड में भी अडानी की कंपनियों का बाहर की शेल कंपनियों के माध्यम से फेक टर्नओवर दिखाया जाता था.

हिंडनबर्ग रिपोर्ट कहती है- हमने मारीशस की कॉर्पोरेट रजिस्ट्री के कागजातों को तलाशा, जिससे पता चला कि अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी अपने कुछ विश्वसनीय लोगों की मदद से मारीशस में चलाई जा रहीं फ्रॉड कंपनियों एक बड़े नेटवर्क को मैनेज कर रहे हैं. हमने ऐसी 38 शेल कंपनियों को खोजा है.

गजब बात ये है कि इन कंपनियों में कोई ऑपरेशन भी नहीं हो रहा, इनमें कोई काम नहीं है, न इनमें कर्मचारी हैं, न इनके इंडिपेंडेंट एड्रेस हैं, न फोन नंबर हैं. न ही meaningful online presence है. इसके बावजूद इन शेल कंपनियों ने भारत की अडानी की कंपनियों में बिलियंस डॉलर लगाए हुए हैं.

शेल कंपनियों के माध्यम से अडानी के शेयरों की कीमतों को MANIPULATE किया जाता है. शेयरों की इन बढ़ी हुई कीमतों पर जोकि रियल वैल्यूज से बहुत ज्यादा हैं, उनपर अडानी ग्रुप द्वारा बैंकों से बड़ा कर्ज लिया गया है. जिस दिन ये गुब्बारा फूटेगा, उस दिन स्टॉक मार्केट, बैंक दोनों दिवालिया.

साथ ही श्याम मीरा सिंह ने यह भी बताया कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट और अडानी के परिवार से जुड़ी इन शेल कंपनियों के खेल पर आज रात 7 बजे उनके YouTube चैनल Shyam Meera Singh पर विडियो भी प्रसारित की जाएगी.

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